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प्रोडक्ट विवरण
Jatamansi दुनिया भर में बाल विकास टॉनिक्स में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है बालों की जड़ों और पूजा उद्देश्य के कायाकल्प के लिए स्कैल्प पर बाहरी उपयोग में भी उपयोग किया जाता है.
जटामांसी (वैज्ञानिक नाम: Nardostachys jatamansi) हिमालय क्षेत्र में उगने वाला एक सपुष्पी औषधीय पादप है। इसका उपयोग तीक्ष्ण गंध वाला इत्र बनाने में होता है। इसे जटामांसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी जड़ों में जटा (बाल) जैसे तन्तु लगे होते हैं। इसे मारवाङी में’बालछड़’ नाम से भी जाना जाता है।
जटामांसी के फायदे और नुकसान
जटामांसी का परिचय (Introduction of Jatamansi)
जटामांसी (Jatamansi herb) सहपुष्पी औषधीय पौधा होता है। जिसका प्रयोग तीखे महक वाला इत्र बनाने में किया जाता है। इसको जटामांसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि जटामांसी की जड़ों में जटा या बाल जैसे तंतु लगे होते हैं। इनको बालझड़ भी कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार जटामांसी के फायदे (jatamansi benefits in hindi) इतने होते हैं कि आयुर्वेद में इसको कई बीमारियों के लिए औषधि के रुप में प्रयोग में लाया जाता है। चलिये आगे जटामांसी के फायदे और गुणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जटामांसी के फायदे | Benefits of Jatamansi
जटामांसी क्या है? (What is Jatamansi in Hindi?)
जटामांसी का छोटा सुंगधित शाक होता है। इसकी दो प्रजातियाँ गन्धमांसी तथा आकाशमांसी होती है। बाजार में जो जटामांसी बिकती है, उसमें कई प्रकार की मिलावट रहती है। चरक-संहिता में धूपन द्रव्यों में जटामांसी का उल्लेख मिलता हे।
सांस, खांसी, विष संबंधी बीमारी, विसर्प या हर्पिज़, उन्माद या पागलपन, अपस्मार या मिर्गी, वातरक्त या गाउट, शोथ या सूजन आदि रोगों में जिस धूपन का इस्तेमाल होता है उसमें अन्य द्रव्यों के साथ जटामांसी का प्रयोग मिलता है। सुश्रुत-संहिता में व्रणितोपसनीय जटामांसी का उल्लेख मिलता है। सिर दर्द के लिए जटामांसी एक उत्कृष्ट औषधि है। यह बहुत ही स्वास्थ्यप्रद होता है।
यह 10-60 सेमी ऊँचा, सीधा, बहुवर्षायु, शाकीय पौधा होता है। इसका तने का ऊंचा भाग में रोम वाला तथा आधा भाग में रोमहीन होता है। भूमि के ऊपर जटामांसी की जड़ों से इसकी कई शाखाएं निकलती हैं। जो 6-7 अंगुल तक सघन, बारीक, जटाकार, रोमयुक्त होती हैं। इसके आधारीय पत्ता सरल, पूर्ण, 15-20 सेमी लम्बे, 2.5 सेमी चौड़े, अरोमिल होते हैं तथा तने के पत्ते का एक या दो जोड़े, 2.5-7.5 सेमी लम्बे, आयताकार होते हैं। इसके पुष्प 1, 3 या 5 गुलाबी व नीले रंग के होते हैं। इसके फल 4 मिमी लम्बे, छोटे-छोटे, गोलाकार, सफेद रोम से आवृत होता हैं। इसकी जड़ काष्ठीय, लम्बी तथा रेशों से ढकी रहती है। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल अगस्त से नवम्बर तक होता है।
जटामांसी का पौधा बहुवर्षीय होता है। लेकिन ये औषधीय जड़ी बूटी लुप्तप्राय: है जिसका आयुर्वेद में बरसों से औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता रहा है। जटामांसी प्रकृति से कड़वा, मधुर, शीत, लघु, स्निग्ध, वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को हरने वाला, शक्तिवर्द्धक, त्वचा को कांती प्रदान करने वाला तथा सुगन्धित होता है। यह जलन, कुष्ठ, रक्तपित्त (नाक-कान खून बहना, विष, बुखार,अल्सर, दर्द, गठिया या जोड़ो में दर्द में फायदेमंद (jatamansi benefits in hindi) होता है। जटामांसी तेल केंद्रीय तंत्र और अवसाद (डिप्रेशन) पर प्रभावकारी होती है।
अन्य भाषाओं में जटामांसी के नाम (Name of Jatamasi in Different Languages)
जटामांसी का वानस्पतिक नाम Nardostachys jatamansi (D.Don) DC. (नारडोस्टैकिस जटामांसी) Syn- Nardostachys grandiflora DC. और कुल : Valerianaceae (वैलेरिएनेसी) और अंग्रेज़ी नाम : Spikenard (स्पाइक्नार्ड) होता है। जटामांसी को भारत के अन्य प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। चलिये इसके बारे में जानते हैं। जैसे-
Jatamansi in-
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Name of Jatamansi in Sanskrit -जटामांसी, भूतजटा, जटिला, तपस्विनी, मांसी, सुलोमशा, नलदा;
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Name of Jatamansi in Hindi-जटामांसी, बालछड़, बालचीर;
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Name of Jatamansi in Urdu-बालछड़ (Balachhada);
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Name of Jatamansi in Kashmir-भूतीजटा (Bhutijatta);
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Name of Jatamansi in Kannada-जेटामावशा (Jetamavasha), जटामामसी (Jatamamsi);
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Name of Jatamansi in Bengali-जटामांसी (Jatamansi);
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Name of Jatamansi in Marathi-जटामांवासी (Jatamanvasi);
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Name of Jatamansi in Gujrati-जटामांसी (Jatamansi), कालीच्छड़ (Kalichhad);
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Name of Jatamansi in Telugu-जटामामंशी (Jatamamanshi);
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Name of Jatamansi in Tamil-जटामाशी (Jatamashi);
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Name of Jatamansi in Nepali-हस्वा (Haswa), नस्वा (Naswa), जटामांगसी (Jatamangsi);
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Name of Jatamansi in Punjabi-बिल्लीलोटन (Billilotan);
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Name of Jatamansi in Malayalam-जेटामांसी (Jetamanshi)।
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Name of Jatamansi in English– इण्डियन नारा (Indian nara), मस्क रूट (Musk root), इण्डियन वैलेरियन (Indian valerian);
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Name of Jatamansi in Arbi-सुनबुल-उल-हिन्दी (Sumbul-ul-hind), सुनबुलुतिब-ए-हिन्दी (Sunbuluttib-e-hindi);
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Name of Jatamansi in Parsi-सुनबुलुतीब (Sunbuluttib)।
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